तेरी मेरी कहानी जो भी कसमें आप प्यार में करते हो वो सिर्फ तब तक मायने रखती है जब तक आप साथ होते हो, आज जब वो किसी और की हो गई है पर फिर भी सबसे छूप कर कभी कॉल, मैसेज, वॉट्सएप, फेसबुक से अपना हाल बताती रही, की वो कितनी अकेली है तुम बिन, और तुम्हे एहसास दिलाती है कि अगर हम आज भी साथ होते तो कितने खुश होते, और तुम्हे भी लगता है काश वो अाज भी तुम्हारे साथ होती, तुम्हारे सीने से चिपके हुए। लेकिन ये तो बीते कल की बाते थी, आज वो किसी और की हो चुकी है पूरी तरह से, क्यू की उसके मैसेज या कॉल जो हर वक़्त आते थे, वो पहले दिन, सप्ताह, फिर महीनों और सालों में बदल जाते है। फिर एक दिन जब आपको उसकी जरूरत होती है और आप उसे कॉल करते हो तो पता चलता है नंबर बंद कर दिया गया है, और आप सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर ब्लॉक कर दिया गया है, ऎसे ही फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी, तब आपको लगता है कि आप उस वक़्त गलत थे, वो इंसान आपके प्यार के काबिल ही नहीं था। लेकिन फिर कुछ दिनों बाद आपको समझ में आता है कि भले वो आज साथ हो या ना हो, कॉल या मैसेज करे या ना करे, सामने आ जाने पर भले वो आपको इग्नोर के दे। लेकिन इसका मतलब ये
ये दूरियां? कि अब जो तुम जा रही हो, सदा के लिए दुर हमसे तो क्या इन दू रियों से, मेरा प्यार कम हो जायेगा, शायद नही दुरियों से प्यार कम नही होता जो दिल के करीब है हमेशा करीब होता, माना बढ़ जायेंगी जिम्मेदारीयां, वक्त भी बट जायेगा याद करना भी कम कर दोगे, पर तब क्या होगा जब कभी सामने आ जाऊगा? ये वक्त, ये जिम्मेदारीयां, सिर्फ हमे जुदा कर सकती पर उस प्यार का क्या, जो मेरे दिल मे आज भी है तो अब जो मजबूर तु भी है, मजबूर मै भी कही ये तो सिर्फ वक्त का तकाजा है याद है तुमने क्या कहा था, की गर तु मुझसे प्यार ना करती तब भी सिर्फ मै तुमहारी पहली पसंद होता हा तो अब जो तुम जा रही हो, सदा के लिए दुर हमसे इक बात है जो तुम से कहनी है की याद जब भी करना हमे, मुस्कुरा के करना क्यू की तुम्हे पता है तुम्हारा दुर जाना मुझ से मंजूर है हमे, पर तुम्हारी आँखों मे नमी आज भी नामंजूर है गम तो है तुम्हारें जाने का, पर शायद वक्त को यही मंजूर है।