एक अनोखी प्रेम कहानी
क्या तुम्हें याद है वो लम्हा
जब सुकून से मेरे सीने पर सर रख कर के सोयी थीं तुम
बिल्कुल किसी छोटे से बच्चे की तरह
जो खुद को महफूज़ समझ कर अपनों से लिपटा हो
वो पल आज भी मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत लम्हा है
किसी के चेहरे पर सुकून जो सिर्फ़ तब आती है
जब आप किसी अपने के साथ हो और जिसके साथ खुद को महफूज़ समझे
पर आज से कुछ दिनों पहले तक
हम दोनों तो दुश्मन जैसे थे ना
क्यु की मै कॉलेज में लेक्चर दर लेक्चर तुम्हें ही देखा करता
क्या तुम्हें पता है
जब मैंने तुम्हें पहली बार देखा
तुम्हारी मासूमियत ने मुझे एहसास कराया
की भैया प्यार तो तुम जैसे किसी हसीन, जिंदादिल परी के साथ ही हो सकता
पर जब बारी इजहार करने की आयी
दिल ने कहा संभल जा और वक़्त का इंतजार कर
लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था
इजहार हुआ भी तो कैसे
सेलफोन मेरा पर मैसेज किसी और का था
पर वो इजहार ना होकर सिर्फ ललकार था
सेल मे सेंड मैसेज देखते ही दिल ने कहा
बेटा तुम से अब ना हो पायेगा
लेकिन शुक्र है खुदा का जो कम से कम
तुमने जाना की इस नाम का भी कोई बंदा है
पर क्या इसका यही धंधा है
1 साल तुम्हें देखते ही गुजर गये
जैसे कल की ही बात हो
किस्मत ने आखिर हमे मिलाया भी तो कहा
लखनऊ वही जिसे सब नवाबों की नगरी बोलते
और अबकी वहा के नवाब हम थे
जब मैंने सड़क किनारे तुम्हारे हाथों को थामा
और तुमने महसूस किया
की अब भी तुम्हारे लिए मेरे दिल मे है बेइंतहा प्यार
बस फिर क्या था
निकल पड़ते हम दोनों दोस्तों के साथ
लखनऊ की हर तंग गलियों में
जैसे लखनऊ ना होकर वो सिंगापुर हो
तुम्हारे साथ वो प्यार भरे आगरा का सफर
यही तो था वो पल
जब
सुकून से मेरे सीने पर सर रख कर के सोयी थीं तुम
बिल्कुल किसी छोटे से बच्चे की तरह
जो खुद को महफूज़ समझ कर अपनों से लिपटा हो
वो ताज का दीदार और हमारी बेपनाह मस्तीया
रेड फोर्ड का सफर
कहा और भी बहुत कुछ तुमने
लेकिन उसका जिक्र यहां जरूरी नहीं लगता
क्या याद है तुम्हें की लौटते समय तुमने कहा क्या था
सायद ना हो
पर मुझे आज भी याद है जैसे कल की ही बात हो
तुम्हें यही डर था ना की मै
ताज के सामने अपने प्यार का इजहार ना कर दु तुमसे
पर तुम्हारे साथ मै इतना गुम था
की इज़हार भी करना है ये याद ना था मुझे
जब मैंने पूछा तुमसे
की मै करता ग़र इज़हार तो जवाब क्या होता
और तुमने कहा की ग़र करते जब इज़हार
उस वक़्त जवाब सोचा होता
फिर जब हम अपने सहर को पहुचें
तुम बस से उतरीं
वहां कोई तुम्हारे इंतजार में पहले से खड़ा था
हां वो वही तो था जिस से तुम बेपनाह मुहब्बत करती थीं
मेरे दिल में एक टीस उठी थी उस वक़्त
लगा जैसे वक़्त ठहर सा गया हो
फिर दिल ने कहा दुखी क्यु होते हो
हर किसी का इश्क़ मुकम्मल ना होता
फिर लगा जैसे क्या हुआ इश्क़ मुकम्मल ना हुआ
पर इतना क्या कम है की
मेरी लाख गलतियों के बावजूद हम दोस्त तो हैं
कॉलेज के उन आखिरी सालो में तुम्हारे साथ रहकर
मुझे जितनी खुशी मिली
सायद उतना खुश मै फिर कभी ना रह सकूं
क्लासरूम हो या लैब जब भी तुम साथ होती
एक अजब सा एहसास होता था दिल को
कैसे बया करु उस खुशी को
जो तुम से बात करते वक़्त महसूस होती है
ये कुछ वैसे ही तो है
जैसे किसी बच्चे मन मांगी मुरादें पूरी हो गयी हो
आज भी याद है मुझे वो पल
जब हम कॉलेज से हमेशा के लिए जा रहे थे
अरे वही जिसे तुम फेयरवेल बोलतीं
और सब एक दूसरे के कपड़ों पर
अपनी मन की की बातें बया कर रहे थे
वैसे ही जैसे मोदी जी रेडियो पर करते हैं
फिर तुमने बड़े ही प्यार से
मेरे शर्ट के पॉकेट के अंदर लिखा
अरे ये वहीं तो था जो मैं सुनाना चाहता था
लेकिन वो शब्द तुम्हारे होठों से नहीं
तुम्हारे हाथों में थमे उस परमानेन्ट मार्कर से उभरी थी
आई लव यू प्रेम
फिर दिल को लगा जैसे अब तो जीवन सार्थक हो गया
लेकिन वो ख़ुशी तो छड़ीक थी
क्यु की दिल को पता था की तुमसे दूर हो जायेगा
और शायद फिर तुमसे कभी ना मिले
पर दिमाग़ ने कहा क्या हुआ जो दूर जा रहे
अपने तो हर पल दिल के करीब ही रहते हैं
फिर हम जुदा हुये पर सायद कम वक़्त को
फिर मिलना हुआ, फिर
वहीं लखनऊ का सफ़र
पर इसबार शायद वो बात ना थी
धीरे धीरे हमारी फोन पर भी बाते कम होने लगी
और इसमे गलती मेरी ही थी
और कुछ हद तक तुम्हारी भी
फिर हम वाकयी अलग हो गए
लेकिन ये क्या
मेरी लाइफ में फिर एक लड़की आ गयी
हालांकि हमारी बाते अक्सर मैसेज में ही होती
फिर लगा जैसे कही ये प्यार तो नहीं
बारी जब commitment की
आई
तो लगा जैसे ये तो प्यार कभी था ही नहीं
क्यु की आज भी मेरे दिल मे सिर्फ तुम थी
हमारी सभी बातों में अक्सर जिक्र तो तुम्हारा ही होता था
फिर उस लड़की को भी लगा की हम दोस्त ही अच्छे है
फिर धीरे धीरे उसे किसी और से प्यार हो गया.
हां वो वही तो था जिसका अक्सर वो जिक्र किया करती
बाते आज भी उस से होती है
हम दोस्त आज भी है
पर हमारे रिश्ते मे प्यार था ही नहीं
ये बिलकुल वैसा ही था
जैसे बारिस मे भीगते को छाते की जरूरत
फिर लगा जैसे तुम्हारे लिये जो जगह मेरे दिल मे है
अगर वो मै किसी और को नहीं दे सकता
तो
फिर फिर ये उम्मीद मै कैसे कर सकता
की किसी और के लिये जो प्यार तुम्हारे दिल मे है वो मेरा हो
जाये
फिर से अचानक वो लम्हा मेरी जिंदगी में आया
हा तुमने एकबार फिर से कॉल लगाया
फिर लगा जैसे यही वक़्त है
जब एक प्यारा सा फ्रेंड वापस है आया
पर इसबार इस दोस्ती में वो बचपना और वो नजाकत गुम थी
लेकिन शुक्र हैं इसमे पहले से ज्यादा कही एक दूसरे के लिये जगह
थी
एक दूसरे केलिए समझ और इज्जत और भी ज्यादा थी
फिर एक बार तुम्हारा जनमदिन था आया
झूम कर ये दिल तुमसे मिलने को आया
मिलके लगा जैसे दिल को सुकून है आया
फिर ढेर सारी मस्तीया, ढ़ेर
सारी बातें
जब आया जाने का वक़्त
फिर से ये दिल भर आया
जाने से पहले कुछ बोलना चाहता था ये दिल
की तुम्हारी जगह दिल मे आज भी वही है जहा पहले थी
और वो किसी और की नहीं हो सकती
आखिरी बार तुम्हारे माथे को चूमना चाहता था
ये दिल और भी बहुत कुछ कहना चाहता था
यह मायने नहीं करता की मेरे कितने फ्रेंड है,
ये भी मायने नहीं रखता की मै उनसे कितनी बाते करता या उनके साथ
समय बिताता,
हमेशा याद रखना मेरे दिल में जो तुम्हारी जगह हैं उसे कोई और
कभी नहीं ले सकता,
तुम्हारे लिये मेरे दिल में हमेशा एक स्पेशल जगह रहेगी अनंत काल
तक
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